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Toggleगले के कैंसर के मुख्य कारण और बचाव।
गले के कैंसर का परिचय।
गले का कैंसर (Throat Cancer) एक गंभीर बीमारी है, जो गले, स्वर यंत्र (larynx), टॉन्सिल्स और ओराफेरिंक्स (oropharynx) में असामान्य कोशिका वृद्धि के कारण होती है। यह कैंसर तेजी से फैल सकता है और यदि समय पर निदान और उपचार न किया जाए, तो यह जीवन के लिए घातक हो सकता है। Cancer Specialist डॉ. सुयश अग्रवाल ने कैंसर की रोकथाम के लिए सलाह दी है कि तंबाकू, शराब, और धूम्रपान से बचना चाहिए और लक्षणों के शुरुआती संकेतों पर चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
इस लेख में गले के कैंसर के लक्षणों की चर्चा की गई है, जैसे आवाज में खराबी, निगलने में कठिनाई, खांसी में खून, और वजन का कम होना। निदान के लिए बायोप्सी और विभिन्न स्कैन का उपयोग किया जाता है। यदि कैंसर प्रारंभिक अवस्था में है, तो इसका उपचार संभव है, जिसमें कीमोथेरेपी और रेडिएशन और आधुनिक तकनीकों के जरिए स्वर यंत्र (larynx) को सुरक्षित रखते हुए इलाज किया जा सकता है।
गले के कैंसर के प्रमुख कारण।
1. तंबाकू और धूम्रपान
तंबाकू का सेवन गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू उत्पाद गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
2. शराब का अधिक सेवन
अत्यधिक शराब का सेवन करने से गले के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है, खासकर यदि इसे तंबाकू के साथ जोड़ा जाए। शराब गले की कोशिकाओं को कमजोर बनाती है, जिससे कैंसरजन्य तत्व आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
3. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण
एचपीवी एक यौन संचारित संक्रमण है, जो गले के कैंसर के लिए एक प्रमुख कारण हो सकता है। यह ओराफेरिंक्स क्षेत्र में कैंसर के मामलों को बढ़ा सकता है।
4. अस्वस्थ खानपान और पोषण की कमी
यदि आहार में फल, सब्जियां और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी हो, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
5. एसिड रिफ्लक्स (GERD)
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) के कारण गले में एसिड का बार-बार आना कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और कैंसर का कारण बन सकता है।
6. आनुवांशिक कारण और पारिवारिक इतिहास
यदि परिवार में पहले किसी को गले का कैंसर हुआ है, तो आनुवांशिक कारणों से इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
गले के कैंसर के लक्षण।
1. आवाज में बदलाव
अगर आवाज भारी हो गई है या लंबे समय तक खराब बनी हुई है, तो यह गले के कैंसर का संकेत हो सकता है।
2. निगलने में कठिनाई (Dysphagia)
खाने या पानी निगलते समय दर्द या कठिनाई का अनुभव करना एक प्रमुख लक्षण है।
3. लगातार गले में खराश
अगर गले में दर्द या जलन लंबे समय तक बनी रहती है और दवाओं से राहत नहीं मिलती, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
4. खांसी में खून आना
यदि लगातार खांसी बनी रहती है और उसमें खून आ रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
5. वजन में अचानक कमी
अगर बिना किसी कारण के वजन तेजी से कम हो रहा है, तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
6. गर्दन में गांठ या सूजन
गले या गर्दन में गांठ महसूस होना कैंसर का संकेत हो सकता है।
गले के कैंसर का निदान।
1. शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा इतिहास
डॉक्टर मरीज के लक्षणों और चिकित्सा इतिहास की जांच करते हैं।
2. एंडोस्कोपी
एंडोस्कोपी की मदद से डॉक्टर गले के अंदरूनी भाग को देख सकते हैं और किसी भी असामान्यता का पता लगा सकते हैं।
3. बायोप्सी
गले की कोशिकाओं का नमूना लेकर माइक्रोस्कोप के तहत जांच की जाती है ताकि कैंसर की पुष्टि हो सके।
4. इमेजिंग टेस्ट (CT Scan, MRI, PET Scan)
इन स्कैन से कैंसर की स्थिति और फैलाव का पता चलता है।
गले के कैंसर का उपचार।
1. सर्जरी
अगर कैंसर शुरुआती अवस्था में है, तो ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
2. रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। डॉ. सुयश अग्रवाल (Best cancer specialist in Indore) आधुनिक रेडिएशन तकनीकों से मरीजों का इलाज करते हैं।
3. कीमोथेरेपी
कैंसर को बढ़ने से रोकने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
4. टारगेटेड थेरेपी
यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं को विशिष्ट रूप से निशाना बनाती है और सामान्य कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचाती।
गले के कैंसर से बचाव के उपाय।
1. तंबाकू और शराब से बचें।
धूम्रपान और शराब का सेवन छोड़कर गले के कैंसर के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। Cancer Specialist डॉ. सुयश अग्रवाल के अनुसार, तंबाकू छोड़ने से कैंसर की संभावना 50% तक घट सकती है।
2. स्वस्थ आहार लें।
फल, सब्जियां और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार कैंसर से बचाव में सहायक होता है।
3. HPV संक्रमण से बचाव।
एचपीवी वैक्सीन लेने से इस वायरस के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
4. एसिड रिफ्लक्स का इलाज करें।
एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स की समस्या को समय पर ठीक करने से गले की कोशिकाओं को सुरक्षित रखा जा सकता है।
5. नियमित चिकित्सा जांच कराएं।
अगर कोई लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाएं। समय पर निदान कर मरीजों को बेहतर उपचार प्रदान करते हैं।
6. हाइड्रेटेड रहें और गले की सफाई का ध्यान रखें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से गले की नमी बनी रहती है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
निष्कर्ष।
इस प्रकार, डॉ. सुयश अग्रवाल Cancer Spcialist कहना है गले के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल बीमारी की पहचान और उपचार के तरीकों पर जानकारी प्रदान करता है, बल्कि रोकथाम के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जो कि वास्तविकता में कैंसर के मामलों को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
गले का कैंसर एक गंभीर लेकिन बचाव योग्य बीमारी है। सही समय पर निदान और उपचार से इस बीमारी को रोका जा सकता है। डॉ. सुयश अग्रवाल (Best cancer specialist in Indore) से उचित सलाह लेकर मरीज अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस हों, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।